EPF: ₹25 हजार बेसिक सैलरी और 30 साल है उम्र; रिटायरमेंट पर कितना बनेगा फंड, समझें कैलकुलेशन
EPF Calculation: सरकार की ओर से हर साल ईपीएफ की ब्याज दरें तय की जाती हैं. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.1 फीसदी सालाना ब्याज तय की गई है. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है.
(Representational Image)
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EPF Calculation: निजी क्षेत्र में काम करने वाले सैलरीड कर्मचारियों को रिटायरमेंट बेनेफिट के लिए इम्प्लॉइड प्रोविडेंट फंड (EPF) एक दमदार स्कीम है. संगठित क्षेत्र में कर्मचारियों के EPF अकाउंट में कर्मचारी और कंपनी यानी कंपनी दोनों की तरफ से कंट्रीब्यूशन होता है. यह कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी (+DA) का 12-12 फीसदी होता है. सरकार की ओर से हर साल ईपीएफ की ब्याज दरें तय की जाती हैं. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.1 फीसदी सालाना ब्याज तय की गई है. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है.
₹25 हजार बेसिक सैलरी पर रिटायरमेंट फंड
मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) 25,000 रुपये है. आपकी उम्र 30 साल है और रिटायरमेंट की उम्र 58 साल है.EPF Calculator के मुताबिक, अगर रिटायरमेंट तक ईपीएफ पर सालाना ब्याज 8.1 फीसदी मिलता है. साथ ही हर साल औसत सैलरी ग्रोथ 10 फीसदी रहती है, तो रिटायरमेंट पर आपके पास संभावित 1.68 करोड़ का फंड बन सकता है. ईपीएफ स्कीम में 58 साल तक ही कंट्रीब्यूशन कर सकते हैं.
EPF Calculation
बेसिक सैलरी+DA= ₹25,000
मौजूदा उम्र= 30 साल
रिटारमेंट उम्र= 58 साल
इम्प्लॉई मंथली कंट्रीब्यूशन= 12 फीसदी
एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन= 3.67 फीसदी
EPF पर ब्याज दर= 8.1 फीसदी सालाना
सालाना सैलरी ग्रोथ= 10 फीसदी
58 साल की उम्र में मैच्योरिटी फंड= 1.68 करोड़ (इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन 50.51 लाख और एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन 16.36 लाख रुपये रहा. कुल कंट्रीब्यूशन 69.87 लाख रुपये रहा.)
(नोट: कंट्रीब्यूशन के पूरे साल में सालाना ब्याज दर 8.1 फीसदी और सैलरी ग्रोथ 10 फीसदी ली गई है.)
एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन का 3.67% EPF में
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ईपीएफ अकाउंट में इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (महंगाई भत्ते) का 12 फीसदी जमा होता है. लेकिन, एम्प्लॉयर की 12 फीसदी की रकम दो हिस्सों में जमा होती है. एम्प्लॉयर के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी रकम इम्प्लॉई पेंशन अकाउंट में जमा होती है और शेष 3.76 फीसदी रकम ही ईपीएफ अकाउंट में जाती है. जिन इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से कम है उनके लिए इस स्कीम से जुड़ना अनिवार्य है.
PF पर कैसे होती है ब्याज की कैलकुलेशन
PF अकाउंट में हर महीने जमा पैसे यानी मंथली रनिंग बैलेंस के आधार पर ब्याज की गणना (PF Interest calculation) की जाती है. लेकिन, इसे साल के आखिर में जमा किया जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है, तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है. EPFO हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस लेता है. इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है.
(डिस्क्लेमर: यहां EPF कैलकुलेशन का फंड अनुमानित है. ब्याज दर में बदलाव, रिटायमेंट की उम्र कम होने या औसत हर सालाना सैलरी ग्रोथ में बदलाव से आंकड़े बदल सकते हैं.)
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09:51 AM IST